औषधि या औषध (medicines) : कम अणुभार वाले वे रासायनिक पदार्थ जो वृहद आण्विक लक्ष्यों से क्रिया करके जैव प्रतिक्रिया उत्पन्न करते है जब यह जैव प्रतिक्रिया चिकित्सकीय और लाभदायक होती है तो इन रसायनो को औषधि (Medicine) कहते हैं।
नोट : कर्बोहाइड्रेट , लिपिड प्रोटीन न्यूक्लिक अम्ल आदि वृहद आणविक लक्ष्य है अर्थात औसधियाँ इनसे क्रिया करती है इन्हे लक्ष्य अण्ड या औषध लक्ष्य भी कहते है।
नोट : औषधियां को डॉक्टर परामर्श के बिना नहीं लेना चाहिए क्यूँकि औषधियाँ अनेक लक्ष्य अणुओ से क्रिया करके विषैला प्रभाव उत्पन्न करती है।
औषधियों का वर्गीकरण (Classification of drugs):
1. प्रतिअम्ल (antacids) –
अमाशय की दिवार से लगातार अम्ल उत्सर्जित होता रहता है जिससे भोजन को अम्लीय माध्यम मिलता है।
चाय , कॉफी , आचार , घुली हुई वस्तुएँ आदि के सेवन से अमाशय की अम्लीय प्रवृति बढ़ती है जिससे डकारे आती है।
वे पदार्थ जो आमाशय की अम्लीय प्रवृति को कम करते है उन्हें प्रतिअम्ल कहते है जैसे : NaHCO3 , Mg(OH)2 , Al(OH)3 इनके उपयोग से आमशय की pH नियंत्रित नहीं होती है इनके स्थान पर धातु हाइड्रोक्साइड का उपयोग किया जाता है उदाहरण : रेनिटिडिन , सीमेटिडीन।
2. प्रतिहिस्टैमिन या प्रति एलर्जी (Antihistamines ) :
शरीर की त्वचा से हिस्टेमिन नामक रासायनिक पदार्थ स्त्रावित होता है जो धूल कण , पराग कण , धूप आदि के प्रतिसंवेदी होता है जिससे त्वचा पर दाग धब्बे , जलन , खुजली , आँख आना , छींक आना आदि प्रभाव उत्पन्न हो जाते है इसे एलर्जी कहते है।
वे रसायन जो एलर्जी के प्रभाव को कम कर देते है उन्हें प्रतिहिस्टेमिन कहते है , उदाहरण – ब्रोमफेनीरामिन (डैमेटेम ) (Bromfeniramine (dametum)) , टरफेनडिन (सेल्डन) (Turfendin (Selden))
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