(Fertilization back phenomena)निषेचन पश्च घटनाएं:– निषेचन के पश्चात् युग्मनाज से भू्रण या निर्माण होता है तथा उससे नया जीव बनता है इस क्रिया को भूर्णोदभव कहते है।
युग्मनज → भ्रूण → नया जीव
कोशिका विभाजन विभेदन:-
भ्रूण के निर्माण की क्रिया दो कारकों पर निर्भर करती है।
1 पर्यावरण:-
2 जीव का जीवन चक्र:-
उदाहरण:- शैवालों में युग्मनज पर एक मोटी भित्ति बन जाती है जो उसकी प्रतिकूल परिस्थितियों (सूखा,ठंड) से रक्षा करती है एवं लम्बे समय तक विश्रारित अवस्था में रहने के पश्चात् अनुकूल परिस्थितियों में यह अंकूरित होकर नयी संतति को जन्म देता है। उदाहरण:-द्विगुणित तक जीवन चक्र वाले पादपों में युग्मनज में अर्द्धसूत्री
उदाहरण:-विभाजन होता है तथा उसकसे अगुणित जीव बनता है।
पुष्पी पादपों में निषेचन पश्च घटनाएं(Fertile backbone events in flowering plants):-
पुष्पी पादपों ने पुष्प के बाह्रा दल पुकेसर झड जाते है तथा केवल स्त्री केंसर ही निषेचन के पश्चात् लगा रहता है। कुछ पादपों में ब्राह्रा दल फल बनने के पश्चात् भी पाये जाते है।
उदाहरण:-टमाटर, बैंगन, भिंडी।
निषेचन के पश्चात पुष्पीय भागों में निम्न प्रकार परिवर्तन होता है।
अण्डाशय :- फल
अण्डाशय भित्ति :- फल भित्ति
बीजाण्ड :- बीज
बीज विकर्ण के पश्चात् अनुकुल परिस्थितियों में अंकुरित हाकर नये पादप को जन्म देता है।
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sir ,
phoolo me nisechan pasch ghtnao ka vivran de
up bord notes
Super